क्या लिखूँ तुझपर,क्या तारीफ करूँ तेरी ग़ज़ल पर ग़ज़ल लिखी नहीं जाती क्या लिखूँ तुझपर,क्या तारीफ करूँ तेरी ग़ज़ल पर ग़ज़ल लिखी नहीं जाती
लोग धूप से नहीं,हमारी मोहब्बत से जल बैठे लोग धूप से नहीं,हमारी मोहब्बत से जल बैठे
दिल के बहलाने का एक ज़रिया बना रखा है इस शेर-ओ-शायरी में और तो क्या रखा है ?! दिल के बहलाने का एक ज़रिया बना रखा है इस शेर-ओ-शायरी में और तो क्या रखा है ?!
कह "जय" चढ़े फांसी,गीता को हृदय में धरके। जय खुदीराम बोस, नमन करें ध्यान करके। कह "जय" चढ़े फांसी,गीता को हृदय में धरके। जय खुदीराम बोस, नमन करें ध्यान करके...
सिर्फ जिस्म नहीं, रूह पर भी दाग़ आ जाता है, मेरी जां ! जब "दिल" में "दिमाग" आ जाता है सिर्फ जिस्म नहीं, रूह पर भी दाग़ आ जाता है, मेरी जां ! जब "दिल" में "दिमाग" ...
गजल-नए प्रतीकों वाले शेर इस गजल की विशेषता है। गजल-नए प्रतीकों वाले शेर इस गजल की विशेषता है।